कुछ मेरे एहसास , कुछ है आपके भी पास,
क्यूँ न करें एक नई शुरुवात।
मन जब भरने लगे ,
घायल हों जब जज्बात।
हुआ अँधेरा रोशन चहुँ ओर,
उजाले को मिले न कोइ ठौर.
एअसें में जीने की कोई सूरत निकालें हम,
आओ मिलकर नइ राह बनाले हम.
एहसास एक कोशिश है रोशनी पाने की,
एहसास एक जरिया है दिया जलाने की।
बढाओ हाथ की उम्मीद कायम हो,
बढाओ बात की हौसला हमारा जीवन हो.
Saturday, February 7, 2009
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