Saturday, February 7, 2009

बुद्धा का देश और शान्ति का संदेस

बुद्ध का देस और शान्ति का संदेश

आज एक तरफ़ जहाँ दुनिया में चारो ओर हिंसा का तालिबानी आतंक है,

धर्मं,नसल,जाती भाषा,छेत्र, के नाम पर हर तरफ़ हर जगह पर नफरत की आग लगाए जा रहें है वही आज दिनांक ०८-०२-२००९ को मुंबई के प्रतिभा प्रतिभा प्रतिभादेवी सिंह देवी बनाये गए पेगोडा को भारत की रास्ट्रपति महामहिम प्रतिभा देवी सिंग पाटिल जी ने राष्ट्र को समर्पित किया, शान्ति और ध्यान का संदेश देने वाला यह पेगोडा कई मायनो मैं खास है, यह स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना है, एक साथ इसमे १०००० लोग ध्यान कर सकते है, जयपुरी पत्थरों से बने इस विशाल पगोडे के अन्दर विशाल छत को सहारा देने के लिए एक भी खम्भे का इस्तेमाल नही किया गया है,
सबसे बड़ी बात इसके बनने की टाइमिंग की है, एक ऐसे समय मैं जबकि पुरी दुनिया हिंसा से निपटने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है, भारत मैं अपनी महानपरम्परा के अनुरूप शान्ति के प्रचार के नए प्रयोग हो रहें है, मुंबई मैं बना यह महान पेगोडा उसी प्रयोग का हिस्सा है,
तो हमें उम्मीद करना चाहिए की मुंबई से निकलती विपस्याना ध्यान की ये गूँज मुंबई को आतंक का बंधक बनाने की कोशिश कराने वालो तक भी पहुचेगी आमीन।
कृपया अपनी प्रतिक्रियाओ से मुझे अवगत कराये , आपका प्रवीण

आज हो कुछ खास बात

कुछ मेरे एहसास , कुछ है आपके भी पास,
क्यूँ न करें एक नई शुरुवात।
मन जब भरने लगे ,
घायल हों जब जज्बात।
हुआ अँधेरा रोशन चहुँ ओर,
उजाले को मिले न कोइ ठौर.
एअसें में जीने की कोई सूरत निकालें हम,
आओ मिलकर नइ राह बनाले हम.
एहसास एक कोशिश है रोशनी पाने की,
एहसास एक जरिया है दिया जलाने की।
बढाओ हाथ की उम्मीद कायम हो,
बढाओ बात की हौसला हमारा जीवन हो.